*राजेश नायडू ने क्रीडा मंत्री से छत्रपति पुरस्कार विजेताओं को पेंशन देने की मांग की* आज 20 नवंबर 2020 को महाराष्ट्र के क्रीडा

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*राजेश नायडू ने क्रीडा मंत्री से छत्रपति पुरस्कार विजेताओं को पेंशन देने की मांग की*

आज 20 नवंबर 2020 को महाराष्ट्र के क्रीडा मंत्री संजय बनसोडे का चंद्रपुर में आगमन हुआ। बल्लारपुर तहसील में होने वाले राष्ट्रीय शालेय स्कूली एथलेटिक्स क्रीडा स्पर्धा के तैयारी का जायजा लेने चंद्रपुर के पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के बुलावे पर वे चंद्रपुर आए थे।
इस दौरान उनके आगमन पर होटल एनडी में चंद्रपुर के पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण पदक और कॉमनवेल्थ सिल्वर पदक विजेता तथा शिव छत्रपति क्रीड़ा पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी राजेश नायडू ने उनसे मुलाकात करके काफी सालों से प्रलंबित मांग को दोबारा उनके सामने रखकर महाराष्ट्र के सर्वोच्च क्रीडा पुरस्कार शिव छत्रपति पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों को पेंशन देने की मांग की।
निवेदन लेते वक्त क्रीडा मंत्री ने गंभीरता से राजेश नायडू से वार्तालाप किया और इस कार्य के लिए हर संभव प्रयत्न करने का आश्वासन दिया। राजेश नायडू ने उन्हें बताया कि देश के 12 राज्यों में इस तरह राज्य पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों को पहले से ही पेंशन दी जा रही है साथ ही उन्होंने क्रीडा मंत्री को अवगत कराया की एक खिलाड़ी यह पुरस्कार पाने अपना पूरा जीवन लगा देता है मगर उसके बाद उसे नौकरी नहीं मिलती और वह डर-डर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हो जाता है इसलिए ऐसे खिलाड़ियों को पेंशन देना जरूरी है।
क्रीडा मंत्री ने तुरंत अपने सचिन से कंफर्म कराया की क्या छत्रपति पुरस्कारों को हम नौकरी देते हैं तो उन्हें पता लगा कि इस तरह का कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है इसके बाद पेंशन की बात को लेकर वह अधिक गंभीर नजर आए।
पिछले कई वर्षों से छत्रपति पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी नौकरी तथा पेंशन के लिए हर सरकार से निवेदन कर रहे हैं मगर अब तक उनकी किसी ने नहीं सुनी। शुरुआती दौर में छत्रपति पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को शासन की ओर से 10 परसेंट राशि पर आवास हेतु फ्लैट दिए जाते थे जो पिछले कई सालों से बंद कर दिए गए हैं। एक खिलाड़ी को छत्रपति पुरस्कार विजेता खिलाड़ी बनने तक का सफर तय करने के लिए अपने पढ़ाई और पैसों की बहुत बड़ी कुर्बानी देनी पड़ती है जिस वजह से बाद में वह शिवाय खेल के किसी और काम करने लायक नहीं रहता इसलिए ऐसे खिलाड़ियों को नौकरी या पेंशन देना अति आवश्यक होता है अन्यथा यह खिलाड़ी गरीबी में जीवन जीने, मजदूरी करने या भीख मांगने मजबूर हो जाता है। ऐसा निवेदन क्रीडा मंत्री के अलावा क्रीड़ा सचिव श्री देओल को भी दिया गया।
सभी छत्रपति पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों की ओर से यह इशारा दिया गया है कि अबकी बार सरकार ने अगर हमारी मांगे नहीं मानी तो मजबूरन हमें आंदोलन के रास्ते का चुनाव करना पड़ सकता है और आने वाले नागपुर अधिवेशन में सभी खिलाड़ी मिलकर सत्याग्रह करेंगे ऐसी घोषणा की गई है।

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