*मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाना आदर्श परंपरा का निर्माण*
*बाल विकास बहुउद्देशीय प्रतिष्ठान के समारोह में मुरलीमनोहर व्यास का मंतव्य*
भारतीय संस्कृति मातृ देवो भव , पितृ देवो भव की शिक्षा देती है। हमारे शास्त्रोंमें अनेक उदाहरण है कि, माता-पिता की सेवा करने वाले भक्तों को भगवान के दर्शन हो गये। इतना ही नही जब- जब भगवान ने अवतार लिया तब-तब अपने माता-पिता की सेवा की। जीवन में माता-पिता की सेवा करना हर बालक का कर्तव्य है। वर्तमान समय में व्हेलेंटाईन डे प्रणय निवेदन के रुप में मनाया जाता है । इस गलत प्रथा को रोकने के लिए बाल विकास बहुउद्देशीय प्रतिष्ठान चंद्रपुर ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया ओर बालकों से उनके माता-पिता का पूजन करवाया। यह बालकों में सही संस्कार डालने की सुंदर अनुकरणीय परंपरा प्रारंभ की है। ऐसे विचार चंद्रपुर के आध्यात्मिक चिंतक तथा साहित्यकार मुरलीमनोहर व्यास ने प्रतिपादित किये।
बाल विकास बहुउद्देशीय प्रतिष्ठान चंद्रपुर ने प्रगती नगर में यह समारोह संध्या 7 बजे आयोजित किया। इस समारोह के अध्यक्ष पद से आप बोल रहे थे। इस अवसर पर बालकों के साथ उनके माता-पिता आदि उपस्थित थे। बालकों ने अपने – आपने माता-पिता को पुष्पहार पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया , तथा माता-पिता का हरदम सम्मान करने की प्रतिज्ञा ली।
प्रमुख अतिथी के रूप में डा अमोल पोद्दार, पुर्व सैनिक निहार हालदार, डा सपन दास , महादेव मलिक, संदिप सरकार, अमोल हलदार, नितिन घोष , तपन राय, पत्रुजी पावडे, सुनिल आगलावे, विवेक बिस्वास उपस्थित थे।
प्रमुख अतिथी डा अमोल पोद्दार ने कहा हमारे बचपन में हम सुबह उठकर माता-पिता तथा घर के सभी बड़े लोगों के के चरण स्पर्श कर प्रणाम करते थे। माता-पिता का आशीर्वाद हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा निर्माण करता है। अत: सभी बालकों ने अपने – अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेना ही चाहिए।
इस अवसर पर बालकों ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किये। संतोष सरकार तथा जितु गडकरी ने देशभक्ती के गीत तथा जीत घोष ने बंगाली गीत प्रस्तुत किया । सभी बालकों को शैक्षणीक सामुग्री तथा बिस्किट्स पुरस्कार दिये गये।
कार्यक्रम का संयोजन तथा संचालन बाल विकास बहुउद्देशीय प्रतिष्ठान के अध्यक्ष संतोष सरकार ने किया। आभार प्रदर्शन सूदीप सरकार ने किया।
समारोह की सफलता के लिए प्रगती नगर महिला मंडल की सभी बहनों का सहयोग प्राप्त हुआ विशेषत: सौ अर्चना तिवारी ,भारती आगलावे,मंदा कुचनकर,निशा पानसे,निर्मला वासलवार, श्री गोपी शाह,लक्ष्मण कलगूलवार, नितिश हलदार आदि का सहयोग उल्लेखनीय रहा है।